
बिहार के राजनीति में राज्यसभा चुनाव 2026 के अभी तीन महीना बाकी बा, लेकिन सियासी चाल-ढाल अभी से तेज हो गइल बा। पांच सीट पर होखे वाला ई चुनाव हर पार्टी के रणनीति के नया दिशा दे रहल बा।
सबसे ज्यादा चर्चा भारतीय जनता पार्टी के भीतर हो रहल बा, जहां नया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन आ भोजपुरी सिनेमा के चर्चित चेहरा पवन सिंह के राज्यसभा भेजे के अटकल तेज हो गइल बा।
9 अप्रैल 2026 के खाली हो जाई पांच सीट
9 अप्रैल 2026 के बिहार से राज्यसभा के पांच सांसदन के कार्यकाल पूरा हो जाई। एह में— राजद से प्रेम चंद गुप्ता आ अमरेंद्र धारी सिंह, जदयू से हरिवंश नारायण सिंह आ रामनाथ ठाकुर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा से उपेंद्र कुशवाहा इनकर सीट पर नयका सिरे से चुनाव होई।
जीत खातिर 41 विधायक के समर्थन जरूरी
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के आधार पर राज्यसभा के एक सीट जीते खातिर कम से कम 41 विधायक के समर्थन जरूरी होई।
गणित साफ बा— 243 के जब 6 से भाग देहल जाला, त आंकड़ा 40.5 आवेला, मतलब जीत के लाइन 41 वोट पर खिंचल बा।
संख्याबल में NDA सबसे आगे
विधानसभा में मौजूदा स्थिति देखल जाय त BJP-जदयू गठबंधन मजबूत हालत में बा। भाजपा लगे 89 विधायक बा, जेकर दम पर दू सीट निकालल आसान मानल जात बा। जदयू लगे 85 विधायक बा, एह से ओकरो दू सीट सुरक्षित देखाइल दे रहल बा
राजद खातिर हालात थोड़ा टेढ़ बा। अकेले दम पर दू सीट बचावल मुश्किल बा। हां, अगर महागठबंधन के साथ बसपा आ AIMIM के सहारा मिल जाव, त एक सीट निकल सकेला।
नितिन नबीन: दिल्ली के राजनीति में एंट्री के संकेत
भाजपा खेमे में सबसे मजबूत दावेदार नितिन नबीन मानल जात बाड़न। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने के ठीक दू दिन बाद बिहार कैबिनेट से इस्तीफा देके ऊ साफ संकेत दे दिहलन कि अब नजर केंद्र के राजनीति पर बा।

भाजपा के परंपरा रहल बा कि राष्ट्रीय स्तर के बड़ा पद पर रहल नेता संसद में रहे, एह से नितिन नबीन के राज्यसभा जाना लगभग तय मानल जात बा।
पवन सिंह: भोजपुरी स्टार से संसद तक?
भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के नाम भी सियासी गलियारा में तेजी से घूम रहल बा। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से दूरी बनला के बाद, 2025 विधानसभा चुनाव से पहिले भाजपा में वापसी आ जोरदार प्रचार से ऊ फिर चर्चा में आ गइल बाड़न।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी के बयान—“पवन सिंह खातिर सब कुछ तय बा” एह अटकल के अउरी हवा दे दिहलस, हालांकि पार्टी स्तर पर अभी आधिकारिक ऐलान नइखे भइल।
उपेंद्र कुशवाहा खातिर चुनाव कठिन
राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा खातिर ई राज्यसभा चुनाव आसान नइखे। NDA में सीट के गणित सख्त बा आ संख्याबल के कमी उनका राह में रोड़ा बन रहल बा।
“इस बार राज्यसभा में वोट से ज्यादा चर्चा चेहरा के बा—कवनो दिल्ली के फाइल संभाली, त कवनो भोजपुरी के आवाज संसद तक ले जाई!”
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